उड़ान : BlogchatterA2Z

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जीने के लिए जैसे हवा, पानी, भोजन ज़रूरी है वैसे ही कम से कम एक सपना तो ज़रूर होना चाहिए | एक ऐसा सपना जो आपको चैन से सोने न दे, आपको एक बार और उठकर चने की प्रेरणा दे | चाहे सपना छोटा हो या बड़ा, सपना तो सपना होता है जिसके बिना ये जीवन जैसे अधूरा ही है |

उड़ने दो मेरे सपनों को,

के घर इनका आकाश है;

मत जकड़ो इन्हें लकीरों में,

के ध्येय इनका बस तलाश है;

इनके जानिब संतोष नहीं,

के हँसती इनकी कुछ ख़ास है;

मंज़िल से इनका क्या नाता,

इनको चलने की बस प्यास है;

के मंज़िल में क्या रखा है,

गर सफ़र पे अपने नाज़ है;

के गीत कई गुनगुनाने हैं अभी,

और समय ही अपना साज़ है ||

♥ ♥ ♥ doc2poet

अगर आपको मेरी कविताएँ पसन्द आयें तो मेरी पुस्तक “मन-मन्थन : एक काव्य संग्रह” ज़रूर पढ़ें| मुझे आपके प्यार का इन्तेज़ार रहेगा |

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19 thoughts on “उड़ान : BlogchatterA2Z

    1. I love to live life on my own terms. We should never see our success from other’s eyes. Keep enjoying the journey and the destination may not matter. Thank you so much. 🙂

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  1. शानदार | असल सपने वही होते है जो आपकी नींदे उड़ा दे |
    मेरा एक शेर याद आ गया, काफी समय पहले लिखा था –
    “लोग कहते है मेरा सपना टूट गया,
    टूटती तो नींद है, सपने कभी टुटा नहीं करते |”

    पापाजी / Papaji

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